आदरणीय अभिभावकगण एवं छात्राओ, ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं की शिक्षा व आवास समस्या को हल करने के लिए निर्मित यह संस्थान आज वट-वृक्ष का रूप धारण कर चुका है | 24 फरवरी-1986 को पंजीकृत ग्रामीण महिला शिक्षण संस्थान,सीकर महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध एवं प्रयासरत है | 1992 में यहाँ बालिका छात्रावास की स्थापना हुई, धीरे धीरे क्रमिक विकास हुआ तथा 1999 में बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, 2003 में महिला महाविद्यालय और 2011 में ग्रामीण गर्ल्स अकादमी (जी.जी.ए.) की स्थापना हुई | 2017 में संस्थान ने एकीकृत बी.एससी.-बी.एड. एवं बी.ए.-बी.एड. का शिक्षण प्रारम्भ किया | 2021 में संस्थान ने महाविद्यालय में एन.सी.सी. भी प्रारम्भ कर दी | आज कुल 2570 छात्राएं इस संस्थान में अध्ययनरत हैं | यह संस्थान गैर-राजनीतिक, गैर-राजकीय, गैर-लाभार्जक, गैर-साम्प्रदायिक, गैर-जातीय एवं जन सहभागी स्वैच्छिक संस्था है | संस्थान समिति के कार्य का संचालन समिति के संघ-विधान के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है | समिति की सर्वोच्च सत्ता इसके आजीवन व संरक्षक सदस्यों और उदारमना दानदाताओं में निहित है, जिनकी संख्या 4000 से अधिक है | संस्थान के दैनिक कार्यों का निष्पादन 21 सदस्यीय कार्यकारिणी द्वारा किया जाता है | यह समिति संस्थान अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के मार्गदर्शन में कार्य करती है | अपनी स्थापना से 16 अक्टूबर 2013 तक संस्थान अध्यक्ष का निर्वाचन प्रतिवर्ष साधारण सभा द्वारा किया जाता था तत्पश्चात कार्यकारिणी का कार्यकाल एक वर्ष से बढ़ा कर तीन वर्ष कर दिया गया | 7 अगस्त 2022 को 34 वें अधिवेशन के पश्चात 30 सितंबर 2022 को श्री झाबर मल निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुये | संस्थान ने अपनी स्थापना से ही नए नए सोपान स्थापित किए हैं | संस्थान ने 64 के.वी. के सौर ऊर्जा पैनल लगाए हैं | महाविद्यालय में 480 बैठक क्षमता के 2 सुसज्जित उत्कृष्ट पुस्तकालयों का निर्माण किया गया है | छात्रावास परिसर में व्यायामशाला(जिम) का निर्माण एवं साज-सज्जा की है | छात्रावासों में अलग अलग इंटरनेट युक्त कंप्यूटर लैब बनी हुई हैं | महाविद्यालय छात्रावास में 238 बैठक क्षमता के एक बेहतरीन स्वाध्याय पुस्तकालय का निर्माण किया गया है | महाविद्यालय में एन.सी.सी. की 3 इकाइयों की सुविधा के अतिरिक्त बास्केट बाल, बैडमिंटन, टी.टी., कबड्डी, एथेलेटिक्स आदि खेलों की सुविधा उपलब्ध है | संस्थान के दानदाताओं को आयकर अधिनियम 1961 की धारा-80 जी में छूट प्राप्त है | उल्लेखनीय है कि संस्थान को विदेश प्रवासी भारतीय सहयोग(एफ.सी.आर.ए.) एवं निगमित सामाजिक दायित्व कार्यक्रम(सी.एस.आर.) से भी अच्छा खासा सहयोग मिला है | न्यूनतम शुल्क में अधिकाधिक सुविधा सम्पन्न संस्थान में अपनी बेटियों को प्रवेश दिलवाकर सम्बल प्रदान कर लाभान्वित हों | इसी कामना के साथ !